कलजुग के पहिचान - Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

शनिवार, 20 सितंबर 2014

कलजुग के पहिचान

// कलजुग के पहिचान //

देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे
भरे चउमास म देख-आमा हमउरे लहलहावत हे
गलीके कारी कुतिया घलो बारो मास बियावत हे
देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे

माता घलो कुमाता बनके, कोख म बेटी ल उजारत हे
सुन्दरता के पाला पडके, डब्बा के दूध पियावत हे
बीयर बार म धुमे खतिर, आया के सुखादुध धरावत हे
देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे

नवा नेवरनिन पानी नई देय, सास-ससुर करलावत हे
सास बिचारी ल सुंवासा तियागे के बारा उदिम सुझावत हे
बाह रे शहरिया-कलजुगी डउकी, मेडुआ बनाके किंदारत हे
देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे

बेटा ल देख तो संगी काबर, अपन धरम ल तियागत हे
दाई-ददा बर दवई नईये, संगवारीन ल दारू म नहवावत हे
डउकी बर चिरहा पोलिका, लईका ल नगरा घुमावत हे
देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे

नियाव के गोठ ल भुल जा संगी, गरीबहा दुबर गोहरावत हे
जेकर लाठी तेकरे बईला, पउआ-भर दारू म, नियाव ह बेकावत हे
बलतकार करईया ठीठोली करथे, गरीबिन बेटी ल देखव, पंखा म फहरावत हे
देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे

रोमांस करत हे बडका गरूजी, चपरासी ह परहावत हे
इसकुल के इसपेलिंग नई जानंय तेन पिरिंसपल कहावत हे
किसान के इनटेलीजेन्ट बेटा, त त त अर्रर चिल्लावत हे
देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे

देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे
भरे चउमास म देख-आमा हमउरे लहलहावत हे
गलीके कारी कुतिया घलो बारो मास बियावत हे
देख तो संगी रे, कईसे कलजुग ह बउरावत हे

रचना- आचार्य हुलेश्वर जोशी
(20 सितम्बर 2014)

Kindly Share on Social Media - Satnam Dharm

EMozii-for Comments on SATNAM DHARM

Durgmaya Educational Foundation

हम भारत के नागरिकों के लिए भारत का संविधान समस्त विश्व के सारे धार्मिक पुस्तकों से अधिक पूज्यनीय और नित्य पठनीय है। यह हमारे लिए किसी भी ईश्वर से अधिक शक्ति देने वाला धर्मग्रंथ है - हुलेश्वर जोशी

निःशूल्क वेबसाईड - सतनामी एवं सतनाम धर्म का कोई भी व्यक्ति अपने स्वयं का वेबसाईड तैयार करवाना चाहता हो तो उसका वेबसाईड निःशूल्क तैयार किया जाएगा।

एतद्द्वारा सतनामी समाज के लोगों से अनुरोध है कि किसी भी व्यक्ति अथवा संगठन के झांसे में आकर धर्म परिवर्तन न करें, समनामी एवं सतनाम धर्म के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए सतनामी समाज का प्रत्येक सदस्य हमारे लिए अमूल्य हैं।

एतद्द्वारा सतनामी समाज से अपील है कि वे सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता एवं अनुसूचित जाति के पैरा-14 से अलग कर सतनामी, सूर्यवंशी एवं रामनामी को अलग सिरियल नंबर में रखने हेतु शासन स्तर पर पत्राचार करें।