गौ संरक्षण के लिए लें संकल्प - Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

गुरुवार, 3 दिसंबर 2015

गौ संरक्षण के लिए लें संकल्प

गौ संरक्षण के लिए लें संकल्प



सतनाम धर्म में गौ माता को सगी मां के रूप में स्वीकार करते हुए संतनाम धर्म के संस्थापक परमपूज्यनीय बाबा गुरूघासीदास द्वारा गाय फांदकर हल नही चलाने, उसे पूज्यनीय मानने और उनका संरक्षण करने का संदेश दिया था। जिससे प्रभावित होकर सर्वप्रथम सन् 1937 में धर्मगुरू आगमदास गोसाई के अगुआई में सतनामी समाज के महान सपूतो जिनमें प्रमुख रूप से राजमहंत नैनदास मंत्री, राजमहंत अंजोरदास व्हाइस प्रेसीडेंट, राजमहंत विशालदास एवं अन्य 27 सतनामी सपुतों द्वारा गौ हत्या विरोधी अभियान चलाया गया जिससे अंग्रजों ने घुटने टेक दिया और श्री गौ माता की जै शीर्षक से एक परिपत्र जारी कर करमनडीह और ढ़ाबाड़ीह में बने विशाल बुचड़ खाना जिसमे प्रतिदिन हजारो बेजुबान जानवरो की निर्मम हत्या की जाती थी अंग्रेजो द्वारा बंद करवाया गया।

ज्ञातव्य हो कि सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद द्वारा सर्वप्रथम वर्ष 2014 में गुरू आगमदास जयंति को धर्मगुरूओं की उपस्थिति में सतनामी सम्मान दिवस के रूप में मनाते हुए सतनामी एवं सतनाम धर्म के अनुयायियों को प्रत्यके वर्ष गुरू आगमदास जयंति को सतनामी सम्मान दिवस के रूप में मनाने के लिए आह्वान किया था इसी क्रम में 18 दिसंबर 2014 मेरे द्वारा गौ माता को राजमाता घोषित करते हुए राजमाता के रूप में अंगीकृत कर सदैव उनका सम्मान जन्मदेने वाली मां के समान अर्थात धर्ममाता के रूप में करने का संकल्प लिया है। इस वर्ष देशभर से लगभग सतनाम धर्म के सभी प्रमुख अग्रणी संस्थाओं द्वारा 6 दिसंबर 2015 को सामुहिक रूप से मंदिर हसौद में गुरूआगमदास जयंति को सतनामी सम्मान दिवस मनाने की तैयारी जोर पर है जिसमें सतनाम धर्म के धर्मगुरूओं की भी उपस्थिति रहेगी।

सतनाम धर्म के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ राज्य में विद्यमान समस्त स्थानीय धर्म जैसे बौद्ध, सैव, वैष्णव, गोंडी, कबीर, सिक्ख, जैन और हिन्दु धर्म में गौ माता को आदि/अनादि काल से ही माता के रूप में स्वीकार किया गया है इसलिए गुरू आगमदास गोसाई के जयंति पर गौ माता के संरक्षण के लिए संकल्प करने के लिए निवेदन करता हूं।

               
हुलेश्वर जोशी सतनामी
कार्यकारिणी सदस्य - सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद रायपुर

उपाध्यक्ष - लाइफकेयर वैकल्पिक चिकित्सा सेवा संस्थान लोरमी

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हम भारत के नागरिकों के लिए भारत का संविधान समस्त विश्व के सारे धार्मिक पुस्तकों से अधिक पूज्यनीय और नित्य पठनीय है। यह हमारे लिए किसी भी ईश्वर से अधिक शक्ति देने वाला धर्मग्रंथ है - हुलेश्वर जोशी

निःशूल्क वेबसाईड - सतनामी एवं सतनाम धर्म का कोई भी व्यक्ति अपने स्वयं का वेबसाईड तैयार करवाना चाहता हो तो उसका वेबसाईड निःशूल्क तैयार किया जाएगा।

एतद्द्वारा सतनामी समाज के लोगों से अनुरोध है कि किसी भी व्यक्ति अथवा संगठन के झांसे में आकर धर्म परिवर्तन न करें, समनामी एवं सतनाम धर्म के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए सतनामी समाज का प्रत्येक सदस्य हमारे लिए अमूल्य हैं।

एतद्द्वारा सतनामी समाज से अपील है कि वे सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता एवं अनुसूचित जाति के पैरा-14 से अलग कर सतनामी, सूर्यवंशी एवं रामनामी को अलग सिरियल नंबर में रखने हेतु शासन स्तर पर पत्राचार करें।