गिरौदपुरी धाम में सतनामी, सतनाम धर्म एवं सत्य का प्रतीक – भव्य जैतखाम का लोकार्पण - Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

गिरौदपुरी धाम में सतनामी, सतनाम धर्म एवं सत्य का प्रतीक – भव्य जैतखाम का लोकार्पण

गिरौदपुरी धाम में सतनामी, सतनाम धर्म एवं सत्य का प्रतीक – भव्य जैतखाम का लोकार्पण


सतनामी एवं सतनाम धर्म के आस्था के प्रमुख केन्द्र पूज्य गिरौदपुरी धाम में राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री माननीय अजीतप्रमोद कुमार जोगी द्वारा घोषित कुतुम मीनार से उंचा जैतखाम को गुरूवंसज धर्मगुरूओं, छत्तीसगढ राज्य के तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, माननीय विस अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, राज्य के समस्त माननीय सांसद, मंत्रीगण, विधायकगण, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर आसीन अधिकारियों सहित देश विदेश में निवासरत सतनामी संतों, माताओं बहनों और देश विदेश से आए दर्शनार्थियों की उपस्थिति में धर्मगुरू विजय गुरू द्वारा दिनांक 18 दिसंबर 2015 को लोकार्पण किया गया ।
लोकार्पण के दौरान राज्य भर के विभिन्न समाजिक संगठनों व समितियों ने अपना योगदान दिया । सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद रायपुर के प्रदेश अध्यक्ष श्री उत्तम बंजारे सतनामी, कोषाध्यक्ष श्री पिरेश ढीढी सतनामी, प्रदेश महासचिव श्री कुन्दन आडिल सतनामी व कार्यकारिणी सदस्य श्री हुलेश्वर जोशी सतनामी (सपरिवार) सहित परिषद के राज्य भर के लगभग 200 पदाधिकारी व सदस्य शामिल होकर लोकार्पण के साक्षी बने ।
राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के आरक्षण में 4 फिसदी कटौती के कारण राज्य के विभिन्न समाजिक संगठनों द्वारा धर्मद्रोह का प्रदर्शन करते हुए भव्य जैतखाम के लोकार्पण में अनावश्यक विलंब के कारण बने । इस ऐसे विरोध का सतनामी एवं सतनाम धर्म विकास परिषद के मार्गदर्शक एवं संरक्षक श्री विष्णु बंजारे सतनामी के निर्देशानुसार परिषद द्वारा खण्डन किया गया और परिषद के अगुवाई में अनेकों समाजिक संगठनां व परिषद द्वारा लोकार्पण की अनुशंसा की गई । इस दौरान विरोध के संभावनाओं को मध्यनजर रखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी इसके बावजूद भी विरोधियों को रोकने के लिए परिषद द्वारा तैयारी के साथ अधिक संख्या में युवक उपस्थित थे ।
अब तक राज्य सरकार, स्थानीय शासन व प्रदेशवासियों द्वारा भव्य जैतखाम को कुतुब मीनार से उंचा जैतखाम के नाम से संबोधित करते हुए लिखा जाता है इसे भव्य जैतखाम का अपमान घोषित करते हुए परिषद द्वारा दिनांक 02/12/2015 व 23/12/2015 को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भव्य जैतखाम को सतनामी, सतनाम धर्म एवं सत्य का प्रतीक – भव्य जैतखाम के नाम से जानने व संबोधित करने व लिखने हेतु शासन व प्रदेश वासियों से आहवान किया गया है ।

लेखक - हुलेश्वर जोशी सतनामी
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एतद्द्वारा सतनामी समाज के लोगों से अनुरोध है कि किसी भी व्यक्ति अथवा संगठन के झांसे में आकर धर्म परिवर्तन न करें, समनामी एवं सतनाम धर्म के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए सतनामी समाज का प्रत्येक सदस्य हमारे लिए अमूल्य हैं।

एतद्द्वारा सतनामी समाज से अपील है कि वे सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता एवं अनुसूचित जाति के पैरा-14 से अलग कर सतनामी, सूर्यवंशी एवं रामनामी को अलग सिरियल नंबर में रखने हेतु शासन स्तर पर पत्राचार करें।