सतनामी एवम सतनाम धर्म के सर्वांगीण विकास हेतु आगामी बैठकों के लिए चर्चा बिंदु - एचपी जोशी
सतनामी एवं सतनाम धर्म से संबंधित संगठनों के मुखिया और संत समाज से अनुरोध है कि जब भी सतनामी एवं सतनाम धर्म के विकास और उत्थान के लिए आगामी भविष्य में बैठक अथवा सम्मेलन आयोजित हो इन महत्वपूर्ण बिन्दूओं को अवश्य शामिल करें, ताकि हम अपने समाज को एक दिशा दे सकें:-
# सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता के पूर्व सामाजिक धार्मिक नियम सुनिश्चित कर लिया जावे।
# अनुसूचित जातियों के पैरा 14 से सतनामी, सूर्यवंशी और रामनानी को पृथक कर अलग सीरियल में किया जावे।
# सतनामी समाज के लोगों को अभी भी आरक्षण की जरूरत है सतनाम धर्म की संवैधानिे मान्यता से विशेषाधिकार में कमी न हो।
# सतनामी एवम सतनाम धर्म के लिए एक सर्वमान्य ग्रंथ तैयार किया जावे, जिसमें धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षणिक और व्यवहारगत मार्गदर्शन हो, गुरु घासीदास दास जी के सिद्धांतों के अनुरूप आदर्श आचार संहिता हो।
# समाज के 100% लोगों को उच्च शिक्षा, रोजगार एवम स्वरोजगार विकास में शामिल करने का लक्ष्य वर्ष 2025 निर्धारित की जावे।
# समाज को धार्मिक कट्टरपंथी विचारधारा के बजाय गुरु घासीदास के सिद्धांत के अनुरूप शांतिप्रिय समुदाय बनाने की कोशिश की जाए।
# समाज से हो रहे धर्म परिवर्तन की कारणों की समीक्षा हो, और इसे रोकने का प्रयास किया जावे।
# समाज का पकड़ बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय संगठन तैयार हो, जिसके माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति को जोड़ा जावे। अर्थात किसी भी प्रकार से जरूरत पड़ने पर कोई भी सूचना समाज के सभी लोगों को एक साथ एक क्लिक में दिया जा सके।
# दूसरे जाति, धर्म के मान्यताओं का निंदा किए बिना ही धर्म प्रचार का विकल्प अपनाया जावे।
# समाज का प्रत्येक नागरिक अपने मानव अधिकारों और विशेष अधिकार से परिचित हो, तथा देश के संविधान और कानून का भी जानकारी हो।
# राष्ट्र और अपने राज्य के सभी शासकीय योजनाओं की जानकारी सभी सदस्य को होनी चाहिए, इस हेतु उपयुक्त स्तर पर गठित संगठन द्वारा जागरूकता लाने का प्रयास किया जावे।
# समाज के उत्थान के लिए सामाजिक लोगों द्वारा वेब पोर्टल न्यूज चैनल तैयार किया जावे, अर्थात समाज का मीडिया में सक्रियता होनी चाहिए।
# समाज के उत्थान के लिए दबाव एवम हित समूह बनाया जावे, जो सुनिश्चित करेगा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को उसका अधिकार, अवसर और न्याय मिल रहा है।
# समाज के लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के संस्थाओं से जुड़ने और राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के शासकीय, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में नियोजित होने के लिए प्रेरित किया जावे।
# सतनामी समाज के अधिकांश लोग डॉक्टर, जज, वैज्ञानिक, पायलट, आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, प्रोफेसर इत्यादि बनें, ऐसी जागरूकता अभियान चलाया जावे।
# सामाजिक दंड की व्यवस्था के बजाय सामाजिक प्रोत्साहन देने पर बल दिया जावे। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को "सामाजिक आर्थिक सहयोग का अधिकार" होनी चाहिए।
# सामाजिक कुरीतियों पर चर्चा हो और कुरीतियों पर रोक लगाया जावे।
# सतनामी एवम सतनाम धर्म में जन्म के आधार पर महानता को त्यागा जावे, गुरु घासीदास के मूर्ति स्थापना पर रोक लगाया जावे। सामाजिक कार्यक्रमों में मांसाहार पर रोक लगाया जावे।
# सतनाम धर्म के धार्मिक महत्व वाले स्थलों के संचालन और विकास हेतु ट्रस्ट बनाया जावे। ट्रस्ट में राज्य और राष्ट्र स्तरीय प्रत्येक संगठन के एक पदाधिकारी को सदस्य बनाया जावे। निर्वाचन के माध्यम से पदाधिकारी नियुक्त हो तथा चरित्रवान व्यक्ति को ही गुरु का दायित्व सौंपा जावे।
# समाज /ट्रस्ट निर्धारित करे कि गुरु घासीदास के वंशज में से कौन कौन गुरु होगा और गुरु वंशज के अलावा समाज में किन किन संतों को गुरु का उपाधि दी जाएगी। गुरु के उपाधि, जिन्हें आगामी भविष्य में दिया जाएगा उनसे उपाधि वापस लेने का विशेषाधिकार ट्रस्ट के पास हो।
# शोध ग्रंथ का संकलन और नवीन ग्रंथों की लेखन प्रारंभ किया जावे।सतनामी एवं सतनाम धर्म के धर्मगुरू, प्रमुख नेताओं और संतो को सूचीबद्ध किया जाकर उनके बारे में शोध करने की जरूरत है।
# नवीन संशोधित ग्रंथों को ट्रस्ट द्वारा अनुमोदित किया जावे, अनुमोदित ग्रंथ की भरमार भी न हो ऐसा सुनिश्चित किया जावे।
# पूरे देश भर के सतनाम धर्म के मानने वाले लोगों को एकजूट करने का प्रयास किया जावे।
# इत्यादि ....... चर्चा बिंदु में सुधार और बिंदु जोड़ने के लिए नीचे कमेंट्स करें।
(एचपी जोशी)
अटल नगर, नवा रायपुर, छत्तीसगढ़
98261-64156