लड़ाई-झगड़े से कैसे बचा जाए? - Satnam Dharm (सतनाम धर्म)

लड़ाई-झगड़े से कैसे बचा जाए?

लड़ाई-झगड़े से कैसे बचा जाए?


लड़ाई-झगड़ा किसी भी स्थिति में लाभदायक न होकर सिर्फ हानिकारक परिणाम देने वाला ही होता है इसलिए बेहतर होगा कि सभी प्रकार के विवाद से बच जाना ही श्रेष्ठ और बुद्धिमानी का कार्य है। इसलिए इन तीन टिप्स का पालन करते हुए भयंकर हानि से बचा जा सकता है।

1. बिना गलती के माफी मांग लें, सामने वाला उद्देश्यहीन हो जाएगा। आपके झुकने का तात्पर्य हारना नही वरन् सहनशील होने का प्रमाण है।

2. चुप्पी साध लें, लम्बी लम्बी सांसें लें और भीतर ही भीतर उनके मुर्खता पर मुस्कराने का प्रयास करें, क्योंकि विवाद मुर्खता का द्योतक ही है।

3. उकसावे अथवा अनर्गल सम्बोधन को अनसुना कर दें साथ ही स्वयं को दूसरे कार्य में व्यस्त करते हुए विवाद से होने वाले हानियों पर गंभीरतापूर्वक विचार करें। संभव हो तो सामने वाले को कुछ वक्त के लिए अकेला छोड दें और आप अन्यत्र चले जाएं। 


Huleshwar Joshi
Naya Raipur, Chhattisgarh

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हम भारत के नागरिकों के लिए भारत का संविधान समस्त विश्व के सारे धार्मिक पुस्तकों से अधिक पूज्यनीय और नित्य पठनीय है। यह हमारे लिए किसी भी ईश्वर से अधिक शक्ति देने वाला धर्मग्रंथ है - हुलेश्वर जोशी

निःशूल्क वेबसाईड - सतनामी एवं सतनाम धर्म का कोई भी व्यक्ति अपने स्वयं का वेबसाईड तैयार करवाना चाहता हो तो उसका वेबसाईड निःशूल्क तैयार किया जाएगा।

एतद्द्वारा सतनामी समाज के लोगों से अनुरोध है कि किसी भी व्यक्ति अथवा संगठन के झांसे में आकर धर्म परिवर्तन न करें, समनामी एवं सतनाम धर्म के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए सतनामी समाज का प्रत्येक सदस्य हमारे लिए अमूल्य हैं।

एतद्द्वारा सतनामी समाज से अपील है कि वे सतनाम धर्म की संवैधानिक मान्यता एवं अनुसूचित जाति के पैरा-14 से अलग कर सतनामी, सूर्यवंशी एवं रामनामी को अलग सिरियल नंबर में रखने हेतु शासन स्तर पर पत्राचार करें।