मूल उद्देश्य
सतनामी समाज को सतनाम धर्म के रूप में मान्यता दिलाना
1. धार्मिक एवं सामाजिक उत्थान
2. गुडवत्ता युक्त शिक्षाउपलब्ध कराना
3. राज्य में सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के विकास एवं उत्थान
4. स्वस्थ्य जागरूकता एवं चिकित्सा सुविधा मुहैय्या कराना
5. महिला एवं बाल विकास
6. स्वरोजगार मार्गदर्शन एवं स्वरोजगार उपलब्ध कराना
7. कृषिमार्गदर्शन एवं पर्यावरण संरक्षण
8. खेल एवं सांस्कृतिक आयोजन
शनिवार, 23 अगस्त 2014
हम भारत के नागरिकों के लिए भारत का संविधान समस्त विश्व के सारे धार्मिक पुस्तकों से अधिक पूज्यनीय और नित्य पठनीय है। यह हमारे लिए किसी भी ईश्वर से अधिक शक्ति देने वाला धर्मग्रंथ है - हुलेश्वर जोशी


एतद्द्वारा सतनामी समाज के लोगों से अनुरोध है कि किसी भी व्यक्ति अथवा संगठन के झांसे में आकर धर्म परिवर्तन न करें, समनामी एवं सतनाम धर्म के लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए सतनामी समाज का प्रत्येक सदस्य हमारे लिए अमूल्य हैं।
