गौ माता को सतनामी समाज द्वारा राजमाता घोषित कर, संकल्प करने बाबत
आपको विदित हो कि लगभग 1937 में सर्वप्रथम सतनामी समाज के धर्मगुरू आगमदास गोसाई के अगुआई में सतनामी समाज के महान सपूतो जिनमें प्रमुख रूप से राजमहंत नैनदास मंत्री, राजमहंत अंजोरदास व्हाइस प्रेसीडेंट, राजमहंत विशालदास एवं अन्य 27 सतनामी सपुतों द्वारा गौ हत्या विरोधी अभियान चलाया गया फलत: अंग्रजों द्वारा "श्री गौ माता की जै" शीर्षक से एक परिपत्र जारी कर करमनडीह, ढ़ाबाड़ीह में बने विशाल बुचड़ खाना जिसमे प्रतिदिन हजारो बेजुबान जानवरो की निरमम हत्या की जाती थी अंग्रेजो द्वारा बंद करवाया गया l
हमें गर्व है अपने उन महापुरूषो पर जिन्होने अपने दम पर इतना बड़ा मुहिम चलाकर सफलता प्राप्त की ।और इस कार्य के लिये सतनाम धर्म द्वारा नैनदास और अंजोर दास को गौ-भक्त की उपाधी से सम्मानित किया गया ।
अगर हमारे इन सतनामी सपूतो का साथ देशवासी भाईयों द्वारा दिया गया होता तो सिर्फ करमडीह, ढ़ाबाड़ीह मे ही नही बल्कि पुरे भारत देश में गौ-हत्या पुरी तरह बंद हो गया होता ।इस संबंध में ज्ञातव्य हो कि सतनाम धर्म में उस समय भी इतने शक्तिशाली/प्रभावशाली लोग थे कि क्रुर अंग्रेजों को भी झूकने पर मजबुर कर दिये l तो हम आज कैसे शक्तिहीन हो सकते हैं ?
सतनाम धर्म के इस कामयाबी के बाद चूंकि छत्तीसगढ राज्य में गौ हत्या पर पूर्णत: प्रतिबंध लग गया था, हम चुप हो गये परन्तु आज हम देख रहे है कि समूचे देश भर में आज भी हमारी माता गौ माता के साथ हो रही अत्याचार को हम बर्दास्त नही करेंगे और इसीलिए मै सम्पूर्ण देशवासियों से आग्रह करती हूं कि हमारे देश में गाय को राष्ट्रमाता घोषित किया जावे l
इसके पहले मै पुन: सतनामी सपूतों से ही निवेदन और आहवान करती हूं कि आप सभी आगामी 18 दिसंबर 2014 गुरूघासीदास जयंति को ही हमारी माता गौ माता को राजमाता के रूप में घोषित करते हुए इनके रक्षा के लिए आप सभी संकल्पित हो जायें ताकि हमारा यह घोषणा सम्पूर्ण ब्रम्हाण्ड में हमारे गौ माता को संरक्षण प्राप्त हो सके l
श्रीमती विधि हुलेश्वर जोशी